शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

सत्य से साक्षात्कार

आज अचानक हो गया सत्य से सामना,
करना पड़ा मुझे सत्य से साक्षात्कार,
कटु ही सही,
पर सत्य तो सत्य है.
आज भी है,कल भी था.
कल भी रहेगा …..
स्वीकार करना पड़ा उस सत्य को.
जिसकी सत्यता को,
अब तक करता रहा था अस्वीकार|
आज करना पड़ा मुझे सत्य से साक्षात्कार|

संवेदनाओ और भावनाओ के सूर्य को,
अंहकार और तृष्णा का राहु ,
बना रहा है,
प्रतिक्षण,
अपना आहार|
आज करना पड़ा करना पड़ा मुझे,
सत्य से साक्षात्कार|

सत्य तो ये है,
ब्यर्थ है ये रिश्ते..
ब्यर्थ है ये एहसास
ब्यर्थ है इनका प्यार,
आज करना पड़ा करना पड़ा,
मुझे सत्य से साक्षात्कार!

निज स्वार्थ की चाह में,
मैं और अहम् की राह में,
अहंकारी सोच ने,
कर दिया है,
इन रिश्तो का,
इन अहसासों का,
संहार!
आज करना पड़ा,
मुझे सत्य से साक्षात्कार.....